
Old Pension Scheme: उत्तर प्रदेश में पुरानी पेंशन को लेकर एक नई अपडेट सामने आई है , जिसमें पुरानी पेंशन को लेकर स्कूली शिक्षकों के लिए बड़ी खुशखबरी दी गई है। लंबे समय से पुरानी पेंशन की मांग कर रहे शिक्षकों की मांग अब पूरी हो सकती है जी हां उत्तर प्रदेश के शिक्षा विभाग से जुड़ी एक बड़ी और राहतभरी खबर सामने आई है। प्रदेश के 2001 बैच के बीटीसी प्रशिक्षित शिक्षकों को पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) का लाभ मिलने की उम्मीद जगी है। लंबे समय से इन शिक्षकों की यह मांग चल रही थी कि उन्हें भी नई पेंशन योजना की जगह पुरानी व्यवस्था का लाभ दिया जाए। अब शासन ने इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए शिक्षा निदेशक से प्रमाणित सूची मांगी है, जिसमें सभी डायट से प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षकों के नाम होंगे।
किन शिक्षकों को मिलेगा पुरानी पेंशन का लाभ?
शासन के आदेश के अनुसार, केवल वे शिक्षक जिनका बीटीसी प्रशिक्षण 28 मार्च 2005 से पहले पूरा हो गया था, उन्हें ही पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाएगा।
इसका अर्थ यह है कि बीटीसी-2001 बैच में शामिल लगभग 2800 शिक्षक इस दायरे में आएंगे। वहीं जिनका प्रशिक्षण 28 मार्च 2005 के बाद पूरा हुआ, वे इस योजना के पात्र नहीं होंगे।
सरकार की इस पहल से उन शिक्षकों में खुशी की लहर है, जो वर्षों से अपने हक की मांग कर रहे थे। बताया जा रहा है कि यह निर्णय यदि लागू हो गया, तो हजारों परिवारों को आर्थिक सुरक्षा और सम्मानजनक रिटायरमेंट जीवन का सहारा मिलेगा।
जानिए क्या प्रशिक्षण और चयन प्रक्रिया की पूरी टाइमलाइन
- जानकारी के अनुसार, बीटीसी-2001 बैच की लिखित परीक्षा 28 अप्रैल 2002 को आयोजित हुई थी।
- परिणाम 3 जुलाई 2003 को घोषित किया गया।
- इसके बाद काउंसलिंग पूरी होने के बाद प्रशिक्षण शुरू हुआ।
- अंतिम वर्ष की परीक्षा 11 जनवरी 2005 को समाप्त हुई।
- जबकि परिणाम 6 फरवरी 2009 को जारी हुआ, जिसके बाद शिक्षकों ने परिषदीय विद्यालयों में सहायक अध्यापक के रूप में कार्यभार ग्रहण किया।
- यानी तकनीकी रूप से प्रशिक्षण 2005 से पहले पूरा हो चुका था, लेकिन नियुक्ति परिणाम जारी होने के बाद हुई।
इसी बिंदु पर अब फैसला निर्भर करेगा कि उन्हें पुरानी पेंशन का लाभ मिलेगा या नहीं।
अब जानिए क्या है नई और पुरानी पेंशन में फर्क
पुरानी पेंशन योजना (OPS) में शिक्षक को रिटायरमेंट के बाद निश्चित पेंशन राशि मिलती है। यह राशि उनके अंतिम वेतन के एक हिस्से के रूप में आजीवन दी जाती है।
वहीं नई पेंशन योजना (NPS) में कर्मचारी को अपनी सैलरी से कुछ हिस्सा निवेश करना होता है जो पूरी तरह मार्केट आधारित होती है। इसलिए कई बार पेंशन की राशि निश्चित नहीं रहती।
इसी कारण से शिक्षकों और कर्मचारियों में पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग तेज़ रही है , देशभर में कई राज्यों जैसे राजस्थान, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश और पंजाब में पुरानी पेंशन लागू की जा चुकी है, अब उत्तर प्रदेश भी इस दिशा में आगे बढ़ सकता है।